चूजों के शुरुवाती दिनों में मृत्यु दर का बड़ा कारण योक सैक इन्फेक्शन होता है ! ये भी संभव है कि शुरुवाती दिनों में सही ब्रूडिंग ना करने से या हैचरी में अंडो की सही देखभाल ना होने से भी हो सकती है !
कुछ चूज़े योक सैक इन्फेक्शन के 24 घंटे में ही मर जाते है ! और मृत्यु दर 5 -7 दिनों के बीच में गंभीर हो सकती है ! काफ़ी चूज़े इन्फेक्शन से ठीक हो जाते है ! परन्तु पोल्ट्री फार्म पर सही परिणाम नहीं मिल पाते , क्योंकि इन्फेक्शन की वजह से ब्रायलर पक्षी की बीमारियों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है ! जिससे पोल्ट्री फार्म पर अन्य वायरल और बैक्टीरियल बीमारियों के आने की संभावना बाद जाती है !
वैसे तो अंडे की जर्दी चूजों के लिये पोषक तत्वों का स्रोत होती है और चूजों के लिये बीमारयों से लड़ने की एंटीबाडी भी देने का काम करता है ! लेकिन जब चूज़ा योक यानि जर्दी को पचा नहीं पाता तो चूज़े को पोषक तत्त्व नहीं मिलते और बीमारियों से लड़ने की क्षमता नहीं बन पाती !और चूज़े की नाभि पर
खुले घाव जैसा नज़र आने लगता है ! कईं बार पीला भूरा या हरे रंग के घाव वाले इन्फेक्शन नज़र आने लगते है ! और अन्य बीमारियां भी उत्पन्न होने लगती है ! जैसे डायरिया ,सफ़ेद बीट पेट का फूलना !
`अब योक सैक इन्फेक्शन के इलाज और अन्य बातों पर बात करते है !
इसके लिये शुरुवात ब्रीडिंग फार्म से सम्बंधित सावधानियों से शुरू करते है !
हमेशा अंडो को रखने के लिये तीन टायर रैक का उपयोग करने की कोशिश करें ! इससे अंडो को बेहतर हवा और स्वच्छता मिलने में मदद मिलती है !
दरवाजों को लक्कड़ वाला बनाना बेहतर होता है इससे लोहे के दरवाजों आवाज़ से आने वाली आवाज़ के झटकों से झटकों ( थर्मल शोक ) से बचाव होता है !
अंडों पर डिसइंफेक्टेंट्स का स्प्रे और सफाई के पूरा ध्यान रखें और डिसइंफेक्टेंट्स निर्माता कंपनी की बतायी गयी डोज़ से अधिक कभी ना दें !
जिस कमरे में अंडे रखे जाते है उस कमरे को इंसुलेटिड होना चाहिये ताकि कमरे में बाहरी ठण्ड या बाहरी गर्मी अंडे रखने वाले कमरे को ज्यादा प्रभावित ना हो !
कमरे का तापमान के साथ साथ नमी भी सही नियंत्रित होनी चाहिये !
थर्मामीटर को कभी भी बल्ब या किसी भी तापमान को प्रभावित करने वाली किसी वस्तु के साथ नहीं होना चाहिये !
अंडो की सफाई और फ्यूमिगेशन में भी सावधानी बरतनी चाहिये ताकि कोई इन्फेक्शन अण्डों में ना रह जाये ! यहाँ ये बात ध्यान देने वाली है की इस तरह अण्डों को किसी इन्फेक्शन बचाने से ब्रायलर चूजों को भी योक सैक जैसी बीमारी से बचाया जा सकता है !
अगर कोई अंडा गन्दा है या जिस अंडे के छिलके में कोई कमी लगे तो उन अण्डों को हैचिंग मशीन में नहीं रखना चाहिये !
योक सैक का इलाज़ –अगर ब्रायलर में योक सैक आ जाता है तो गुड़ वाला पानी देना चाहिये ! गुड़ 1 किलो 1000 पक्षी के हिसाब से देना चाहिये !
सोडियम बाइकार्बोनेट ( मीठा सोडा ) 1 ग्राम प्रति लीटर और अमोनियम क्लोराइड 2 ग्राम प्रति लीटर के हिसाब से देने से फायदा देखा गया है !
डॉक्टर की सलाह से जेंटामाइसिन और क्लोरो एम्फानिकौल मल्टी विटामिन और मल्टी मिनरल्स देने से भी ठीक हो सकता है !
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