ब्रायलर पोल्ट्री ट्रेनिंग हिंदी !

चूजों का प्रबंधन जरूरी बातें !

चूजों के लिए गुड़ !

चूजे आते  ही उन्हें गुड़ या शक्कर का युक्त पानी देना चाहिये ! इससे चूज़े को तुरंत ऊर्जा मिल जाती है ! और सफर का तनाव कम हो जाता है !

चूजों को पहले दिन कितना गुड़ देना है ?

चूज़े आते ही 1000 चूजों के लिए 1 किलो गुड़ और 7 लीटर पानी काफी हो जाता है ! पर पानी ना तो ज्यादा ठंडा और ना ज्यादा कम होना चाहिये ! और गुड़ या शक्कर बेहद अच्छी गुणवत्ता का होना चाहिए !

गुड़ के पानी के बाद जो साधारण पानी आप देंगें उसमे मल्टीविटामिन और मल्टीमिनरल 3 -5 दिनों तक देना चाहिए ! अगर आपके पोल्ट्री फार्म पर बीमारियाँ ज्यादा आती हो तो आप एंटीबायोटिक भी 5 दिनों तक दे सकता है ! और एंटीबायोटिक बदलते रहने चाहियेँ !

  चूजों के लिये प्रकाश !

चूज़े पोल्ट्री फार्म पर छोड़ते वक़्त प्रकाश पूरा नहीं करना चाहिए ! 1  में पूरा प्रकाश कर देना चाहिए ! चूजे को बहुत आराम से पोल्ट्री फार्म पर छोड़ना चाहिए !

एक बात बहुत महत्वपूर्ण है ,कि कईं बार आपको चूज़ा ऐसे ब्रीडर फ्लॉक का मिलता है जो कुछ वक़्त पहले ही अंडे पर आया हो ! वो चूजा कुछ छोटा होता है ! उस चूजे को पालने के लिये 1 डिग्री फेरनहाइट ज्यादा तापमान देना बेहतर है ! क्योंकि इस तरह के चूज़े कम ऊर्जा बना पाते है !

छोटे चूजों के लिये फीड !

शुरुवात में  चूजों को क्रंब्स फीड ही देना चाहिये ! शुरुवात के 1  दिनों में तो आप खुले में अखबार या पेपर पर भी फीड डाल  सकते है ! ताकि चूज़े को पहले दिन फीड प्राप्त करने में दिक्कत ना हो ! फीडर और ड्रिंकर कभी भी खाली ना हों !जब चूजा पोल्ट्री फार्म पर आता है तो फीडर की जगह आप जिन डब्बों में चूज़ा आता है उनको साइड से काट कर भी आप फीडर की तरह उपयोग कर सकते है ! पर यहां ध्यान देने वाली बात है कि चूज़ा उसी फीड पर मलमूत्र त्याग करता है , जिससे फीड गीला हो जाता है ! उस फीड को बाहर निकाल कर सूखा लें और जब ब्रायलर तैयार हो जाता है तब उसके बिक्री वाले दिन सूखे हुए फीड को  दे सकते है ! चूजों को वह फीड न दें !

 

  छोटे चूजों के लिये पानी   

ड्रिंकर हमेशा कम से कम दिन में 1 बार जरूर साफ़ करें !अगर निप्पल सिस्टम उपयोग में लाते है तो हर निप्पल में पानी आ रहा है ये सुनिश्चित जरूर कर लें !जब भी आपको पानी के डब्बे धोने हो तो सभी एक साथ बाहर ले जा कर ना धोयें ! ध्यान रखें पानी के डब्बों , फीडर या ड्रिंकर का लेवल इतना ऊंचा न हो की पक्षी को पैर उठाकर पानी या फीड लेना पड़े ! ये बात ध्यान देने की है ! अगर पक्षी को फीड या पानी लेने में अपनी ऊर्जा ज्यादा लगानी पड़ती है तो पक्षी की पूरी ग्रोथ नहीं आती !

अगर आप निप्पल सिस्टम उपयोग करते है तो और गर्म एरिया या अत्यंत गर्मी का मौसम है तो पानी की पाइप लाइन को फ्लश जरूर करते रहिये ! ताकि पक्षी को पानी गर्म ना मिले !

चूजों के लिए  पानी का तापमान !

पोल्ट्री फार्म पर तापमान का नियंत्रण तो लगभग सभी कर लेते है परन्तु पानी के तापमान को भूल जाते है !  चूजों के लिए  पानी का तापमान कभी भी 24 -25 डिग्री सेल्सियस से अधिक नहीं जाना चाहिये ऐसा रिसर्च से पता चला है की पानी का तापमान सही होने पर वजन बेहतर मिलता है ! इसलिये गर्मियों में पानी के टैंक की स्थिति ऐसी ना हो कि पक्षी को गर्म पानी ना मिले और सर्दियों में बेहद ठंडा पानी भी नुकसान का कारण बन सकता है ! सर्दियों में आप पानी गर्म करके चूजों की सप्लाई में मिलाकर तापमान नियंत्रित  कर सकते है और गर्मियों में ताजे पानी या बर्फ मिलाकर तापमान नियंत्रित कर सकते है !

चूजों के लिए तापमान !

जब चूज़ा हांफने लगता है तो 5 g plus  तक शरीर की नमी छोड़ सकता  है ! जो चूज़े में पानी की कमी कर सकता है ! इसलिए तापमान को तुरंत कम करने की कोशिश करें   !

जहाँ चूज़े डालने है ! वहाँ का तापमान चूजे आने से पहले कम
से कम 2 -4 घंटे पहले ही बना लेना चाहिए ! ताकि बिछावन तक भी तापमान नियंत्रित हो जाये !

आप चूज़ों के पैर भी चेक करिये अगर पैर ठंडे महसूस हों तो तापमान को ऑर्डर ज्यादा बढ़ाना पड़ सकता है ! अगर चूज़े के पैर ठन्डे होते है तो चूज़ा की फीड खपत कम होगी और वो सही ग्रोथ नहीं ले पायेगा और पूरे पोल्ट्री फार्म पर असमान  ग्रोथ वाले पक्षी ज्यादा देखने को मिलेंगें ! तापमान कम होने पर चूज़े इकट्ठे होने लगते है! जिससे भी फ़ीड या पानी कम लेने से भी सही ग्रोथ नहीं आती !

अगर चूज़े मुँह खोल कर सांस ले रहे हो तो इसका मतलब है कि पोल्ट्री फार्म पर तापमान अधिक है और तापमान को कम करना जरूरी है !

अगर चूजा आरामदायक माहौल में होगा तो बेहद सक्रिय होकर भागता और खाता पीता दिखेगा !

पहले हफ्ते का तापमान -95 डिग्री फेहरेनहाइट !

दुसरे हफ्ते  तापमान -90  डिग्री फेहरेनहाइट !

तीसरे  हफ्ते का तापमान -85  डिग्री फेहरेनहाइट !

चौथे  हफ्ते का तापमान -80  डिग्री फेहरेनहाइट !

पाँचवे हफ्ते के बाद का  तापमान -75  डिग्री फेहरेनहाइट !

Chicks Crop.

चूज़े आने के 24 घंटे बाद एक बार चूज़े की (crop ) गले के नीचे बानी थैली जिसमे फीड या पानी हाथ लगाकर महसूस किया जा साथ है !

चूजों की क्रॉप ( गले की थैली )से ये पता चल जाता है ! कि चूजों ने कितना पानी या फीड लिया है !अगर बहुत सारे चूजों के गले की थैली बहुत ज्यादा सख्त है,तो ये समझ लेना चाहिये की पानी की कमी किसी भी वजह से हो रही है ! पानी अधिक ठंडा या बर्तनों की संख्या कम होना भी कारण हो सकती है !और बहुत सारे चूजों में अगर गले की थैली में सिर्फ पानी ही लगता है तो इसका मतलब है ,कि पक्षियों को सिर्फ फीड काफी कम मिल रहा है ! इस तरीके से आप प्रबंधन ( मैनेजमेंट )में किसी कमी को ठीक कर सकते है !

वो भी अनेकों चुजों में चेक करनी चाहिये ! अगर कुछ चूजों में उस जगह फीड नहीं मिलता है तो भी आपको तापमान और आद्रता दोबारा चेक करनी चाहिए ! पानी जो चूजों को दे रहे है , उसके तापमान को भी चेक करना जरूरी है ! कहीं ज्यादा ठंडा तो नहीं दे रहे !

पोल्ट्री फार्म पर एक वक़्त में ही चूज़ा डालें ! कुछ लोग पोल्ट्री फार्म पर पक्षी मौजूद होने पर भी अलग से चूज़ा डाल लेते है जो गलत है ! इससे चूज़े पर बीमारियों  का खतरा बढ़  जाता है !

चूजे के गले पर बनी थैली को भी चेक करते रहना चाहिए ! इससे पता चलता है कि प्रबंधन सही हो रहा है या गलत !

 

इससे पता चलता है की कितने प्रतिशत चूजे सही तरीके  के फीड खा रहे है !

आप अपने पोल्ट्री फार्म पर 20 -30 चूज़े  अलग अलग जगह से लें !

और चूजों की क्रॉप ( गले पर बनी थैली ) चेक कर लें ! अगर नीचे लिखे शब्दों के अनुसार हो रहा है तो सब कुछ ठीक जा रहा है ! नहीं तो समझिये आपके  प्रबंधन में कमी है !

चूज़े पोल्ट्री फार्म पर छोड़ने के  2 घंटो के भीतर कम से कम  75 प्रतिशत चूज़े फीड खा चुके हों !

चूज़े पोल्ट्री फार्म पर छोड़ने के  4  घंटो के भीतर कम से कम  80  प्रतिशत चूज़े फीड खा चुके हों !

चूज़े पोल्ट्री फार्म पर छोड़ने के  24 घंटो के भीतर कम से कम  95  प्रतिशत चूज़े फीड खा चुके हों !

चूज़े पोल्ट्री फार्म पर छोड़ने के  48  घंटो के भीतर कम से कम  100  प्रतिशत चूज़े फीड खा चुके हों !

चूजों के लिये आद्रता 

चूजों को शुरू के 3 दिन तक 60 प्रतिशत आद्रता बहुत बेहतर मानी जाती है !

आद्रता सही रखने से चूजे निर्जलीकरण ( डिहाइड्रेशन ) का शिकार कम होते है !

फीडर और ड्रिंकर की संख्या –

पोल्ट्री फार्म में लगभग प्रत्येक 100 पक्षियों के लिये 3 फीडर या ड्रिंकर्स की आवश्यकता होती है ! परन्तु चूजों के लिये यह संख्या बढ़ा भी सकते है ! लेकिन अगर निप्पल ड्रिंकर्स का उपयोग कर रहे है तो 10 चूजों के लिये 1 निप्पल की आयश्यकता होती है ! और गहराई से जानकारी के लिये ये आर्टिकल पड़ें !

फीडर और ड्रिंकर की संख्या की और गहराई से जानकारी –

 

चूजों के लिये जगह !-

चूजों को सही जगह और गोल ब्रूडिंग ही करनी चाहिये !

Round Brooding

पहले दिन 1000 चूजों के लिये। . 25 स्क्वायर फ़ीट जगह काफी हो जाती है ! मतलब 1000 चूजों के लिये 250 स्क्वायर फ़ीट जगह !

 

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