पोल्ट्री के पक्षी को पानी की कमी से पक्षी की फीड की लागत भी कम हो जाती है !
इसलिए पक्षी को साफ़ सुथरा और सही सप्लाई देना पोल्ट्री के लाभ को बड़ा सकता है !
पक्षी को पानी देने के लिए भिन्न भिन्न प्रकार के प्रकार के तरीकों की जानकारी होना जरूरी है
मुख्यतः खुले में पानी देना और बिना खुले में पानी देना !
खुले में पानी देना !
खुले में पानी देने के तरीके से खर्च काफी कम हो जाता है !लेकिन इस तरीके से ब्रायलर पक्षी को पानी देने से पानी में संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा होता है !और बिछावन के खराब होने की संभावना भी बढ़ जाती है !
इसलिए पोल्ट्री किसान को बार बार पोल्ट्री के ड्रिंकर बार बार रोजाना धोने पड़ते है ! जिससे पोल्ट्री किसान का काफी समय लगता है !
इस तरीके से कईं बार पानी लीक भी हो जाता है और बिछावन गीली भी हो सकती है !
सभी बेल ड्रिंकर लगाते वक़्त स्थिरता का ध्यान जरूर रखें ! नहीं तो उनसे पानी छलक सकता है !
बेल ड्रिकर के पानी का लेवल चेक करते रहना चाहिए ! अधिक ऊपर तक पानी होने से
पानी बिछावन पर छलकता है ! जो बिछावन गीली कर सकता है !
अगर पानी का स्तर ज्यादा नीचे होगा तो पक्षी को पानी पीने में दिक्कत हो सकती है !
एक बात आप ध्यान से देखें चाहे किसी भी तरह का ड्रिंकर हो ! ! क्या चूजा/पक्षी पाँव उठाकर तो पानी नहीं पी रहा !
या पानी पीने के लिए गर्दन को काफी झुकना तो नहीं पड़ रहा है ! अगर आप इस बात का ध्यान रखेंगे तो भी पक्षी का प्रर्दशन बेहतर होने लगता है !
परन्तु हर उम्र के पक्षी के लिये अलग अलग साइज के बर्तन या ड्रिंकर उपयोग होते है !इसलिए ज्यादातर पोल्ट्री किसान जो परंपरागत ( डब्बे और टब) ड्रिंकर उपयोग में लाते है ! वो दो या तीन बार ड्रिंकर चूजे या पक्षी की पूरी उम्र के बढ़ने के साथ बदलते है !
परंपरागत ड्रिंकर ( डब्बे और टब ) में भी चूजे को पानी पीने में मुश्किल नहीं होनी चाहिये !
अगर आप टब उपयोग में लाते है तो पानी के स्तर कम होते ही टब में तुरंत पानी भर देना चाहिये !कईं बार टबों में पानी कम हो जाने पर भी ये सोच कर ध्यान नहीं देते ,कि पक्षी को पानी पीने में कोई परेशानी नहीं हो रही ! पक्षी कईं बार टब के ऊपर बैठ जाता है और पानी बेहद काम होने तब हल्का हो जाता है और पलट जाता है !जिससे कुछ पानी पोल्ट्री फार्म के अंदर ही गिर जाता है ! जो बिछावन को गीला कर देता है ! और पोल्ट्री फार्म में गन्दी गैंसे ज्यादा बनने से पोल्ट्री फार्म पर सांस सम्बन्धी बीमारियां ज्यादा हो सकती है !
टब की सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए और रोजाना धोने चाहियें !
एक और बात ध्यान रखें ! सभी डब्बे या टब एक साथ नहीं धोने चाहियें ! ताकि कुछ टब पोल्ट्री शेड में पड़े रहें ! और कुछ धुलते रहे!
किसी भी तरह के ड्रिंकर को साफ़ करने का समय हमेशा ऐसा होना चाहिए , जिस समय गर्मी न हो ! सुबह सुबह का समय सबसे बेहतर होता है !
सामान्यतः 10 पक्षियों के लिये 1 निप्पल की आवश्यकता होती है !
पर बहाव कम होने की स्थिति में आपको निप्पल 2 के करीब बढ़ाने पड़ सकते है !
पानी का बहाव अच्छा होना जरूरी है ! कम बहाव वाले निप्पल सिस्टम जिसमे बहाव 50-60 ml/min के लगभग होता है ! इंस्टाल करने वाली कंपनी से भी आप अन्य जानकारी प्राप्त कर सकते है !
अच्छे फीडर और अच्छे ड्रिंकर्स पक्षी को सहज रखने में और साफ़ सुथरा फीड और पानी पक्षी की क्षमता को बढ़ाते है !