पोल्ट्री फार्म पर सभी तरह के रिकॉर्ड भी रखने चाहिए !ऐसा करने से आप किसी बड़ी समस्या आने से पहले ही उसे शुरुवाती दौर में काबू कर सकते है ! क्योंकि रिकॉर्ड रखने से आप पक्षी की फीड या पानी की खपत में कमी से अंदाजा लगा सकते है!और समस्या के काऱण को शुरुवाती स्तर पर ही तुरंत दूर कर सकते है ! लेकिन किसी समस्या का पता देर से लगे तो भारी मृत्यु दर हो सकती है ! नीचे दिए रिकॉर्ड भी रोज़ाना रखें ताकि और गहराई से आंकलन किया जा सके !
पोल्ट्री फार्म का पूरा सही रिकॉर्ड रखने से आपको ज्यादा से ज्यादा सीखने में मदद मिलती है ! इससे आपको यह भी पता चलता है कि किस वातावरण में पक्षी कैसा प्रदर्शन कर रहा है ! और कोण सा फीड फार्मूला या कौन सा फ़ीड कैसा प्रदर्शन करता है ! इससे आपको अलग अलग मौसम के हिसाब से अलग अलग ब्रीड का प्रदर्शन भी पता चलता है !
अगर आप छोटे या मध्यम स्तर पर पोल्ट्री फार्म चलते है तो खुद से नीचे बताये रिकॉर्ड जरूर रखें अगर बड़े स्तर पर पोल्ट्री की काम है तो अपने मैनेजर से ये सभी जानकारियां रखने को कहिये और खुद भी उन जानकारियों की रिपोर्ट चेक करें !
पोल्ट्री फार्म का तापमान –
तापमान दिन में दो बार नोट किया जाता है !दोपहर 2 बजे और रात को 8 बजे !दोपहर दो बजे तापमान अपने उच्च स्तर पर पहुँच जाता है और आप उच्चतम तापमान से सही अंदाजा लगा सकते है ! और तापमान अधिक होने पर या कम होने पर जरूरी कार्यवाही कर सकते है ! शाम के बाद 8 बजे के तापमान से आप यह अंदाजा लगा सकते है ,कही किसी गर्मी देने वाले उपकरण की जरूरत तो नहीं पड़ सकती !
शुरुवाती कुछ दिनों में आद्रता को भी दिन में 2 बार नोट करना जरूरी है !
आज कितने चूज़े या पक्षी मरे और कितने जीवित बचे !
पक्षियों की मृत्यु दर रोजाना नोट करने से आप कभी अधिक मृत्यु दर होती है तो आप तुरंत आप पक्षियों की मृत्यु का कारण जान सकते है ! और डायरी में आप मृत पक्षियों और बचे हुए पक्षियों की संख्या नोट कर सकते है ! कितने चूज़े खरीदे कितने मरे हुए प्राप्त हुए या कितने असक्षम चूज़े प्राप्त हुए ! कितने चूज़े कम प्राप्त हुए ! चूजों का औसत ( एवरेज ) वज़न ! हैचरी का नाम ,सप्लायर का नाम ,गाडी नंबर
आज कितना पानी लगा !-पूरे एक दिन में पक्षियों ने में कितना पानी पिया !इससे पानी की खपत एकाएक किसी वजह से कम होने पर आप संभावित किसी बीमारी को शुरुआत में ही काबू में कर के किसी नुकसान से बच सकते है !
फीड ?
पूरे एक दिन में पक्षियों ने में कितना फीड खाया !इससे पक्षी के फीड की खपत एकाएक किसी वजह से कम होने पर आप संभावित किसी बीमारी को शुरुआत में ही काबू में कर के किसी नुकसान से बच सकते है ! जो भी पोल्ट्री फ़ीड आपको प्राप्त हुआ है , हर बैच का एक सैंपल सील बंद करके सभी पक्षियों के बिकने तक संभाल कर रख लें ! ताकि कभी टॉक्सिसिटी या अन्य फीड से सम्बंधित समस्या आये तो फ़ीड के सैंपल का टेस्ट कराया जा सके ! फीड की लागत को रोज़ाना एक ही समय पर नोट करना चाहिये ! पक्षी ने कितना फीड खाकर कितना वजन दिया (F.C.R.Feed conversion Ratio) ! पक्षी ने औसत ( Average ) कितना फीड खाकर कितना वजन दिया ! ये प्रक्रिया आपको तब तब करनी होती है जब जब आप पक्षी बेचते हो ! क्योंकि एक पोल्ट्री फार्म के सभी पक्षी एक साथ नहीं बिकते !
फीड की लागत को रोज़ाना एक ही समय पर नोट करना चाहिये !
वैक्सीन का रिकॉर्ड –
कौन कौन सी वैक्सीन आपने किस किस दिन लगाई और उसका बैच नंबर क्या था और किस कंपनी की वैक्सीन आपने लगवाई !
दवाइयों का रिकॉर्ड –
पक्षी के बीमार होने पर कौन कौन सी दवा दी गयी थी ! और किस बीमारी में किस डोज़ पर किस कंपनी की दवा दी गयी के साथ साथ किस भाव पर किस डीलर से ली गयी ! दवाई की खरीद के पर्ची और डॉक्टर की लिखी पढ़ भी साथ में लगा दें ! इससे आने वाले वक़्त में आप अंदाजा लगा सकते है कि कोण कौन से दवा प्रभावी रही थी !
पोल्ट्री फार्म के खर्चों का रिकॉर्ड –
पोल्ट्री फार्म के प्रत्येक खर्च का रिकॉर्ड खरीद की तारीख के साथ नोट करना चाहिये ! खरीदी हर वस्तु का रिकॉर्ड जैसे बिछावन बल्ब या अन्य सभी तरह के सामान का पूरा रिकॉर्ड रखें सम्बंधित पर्ची साथ में जरूर लगायें !
पक्षियों के बिकने का रिकॉर्ड -कौन सी तारीख को कितने पक्षी बेचे गए और किस दर पर किस वज़न के पक्षी बिके ! यह रिकॉर्ड भविष्य में आपकी मदद कर सकते है !
पक्षियों के वज़न का रिकॉर्ड – पक्षियों के रोजाना और सप्ताह के वज़न का पूरा रिकॉर्ड रखना चाहिये ! ताकि किसी समस्या के तुरंत निपटा जा सके !
इस पोस्ट में हम जानेंगे कि ,अलग अलग तरह के पोल्ट्री फार्म में कितना धन लग सकता है ! चूँकि पोल्ट्री फार्म अनेकों तरह के हो… Read More