ब्रायलर पोल्ट्री ट्रेनिंग हिंदी !

पोल्ट्री फार्म पर जैव सुरक्षा ! (बायो सिक्योरिटी )

1– अपने पोल्ट्री फार्म पर ग़ैर ज़रूरी लोगों का आना हमेशा प्रतिबंधित होना चाहिये !

2-अपने ब्रायलर पोल्ट्री फार्म पर देसी मुर्गी पालन नहीं करना चाहिये ! देसी मुर्गियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता ब्रायलर पोल्ट्री के पक्षियों की तुलनात्मक अधिक होती है !

3 -अगर आपके पोल्ट्री फार्म पर पोल्ट्री का कोई भी सामान या बर्तन किसी अन्य पोल्ट्री फॉर्म से आ रहे हों तो सभी बर्तन और सामान अच्छे से  डिसइंफेक्टेंट से साफ़ करने चाहियें !

4-अपने पोल्ट्री फार्म के आगमन गेट पर ऐसी व्यवस्था ज़रूर बनायें जिससे प्रत्येक वाहन के पहियें डिसइंफेक्टेंट युक्त पानी में भीग कर ही पोल्ट्री फार्म में आ सकें !

5 -पूरे पोल्ट्री फार्म को चारों और से कांटे दार तारों से इस सुरक्षित करना चाहिये ताकि कोई आवारा कुत्ते या जानवर पोल्ट्री फार्म पर ना आ सके ! पोल्ट्री फार्म पर आने का एक मुख्य रास्ता ही बेहतर होता है !

6 -पोल्ट्री फार्म के आगमन पर अलग से जूते बदलने और कपड़े बदलने ( अगर व्यवस्था है ), हाथ धोने की व्यवस्था  की व्यवस्था अलग करना बेहतर होता है !

7-पोल्ट्री पर श्रमिकों के लिये  टॉयलेट और हाथ धोने की व्यवस्था ज़रूर करनी चाहिये !

8 -पोल्ट्री फार्म के आगमन पर हाथ , पैर धोने या सैनिटाइज़ करने की  व्यवस्था ज़रूर होनी चाहिये !

पोल्ट्री फार्म की स्वच्छता !

पोल्ट्री फार्म की सफाई अच्छी मानकों से करने से बीमारियों का खतरा कम हो जाता है ! बेहतर सफाई के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिये !

ब्रायलर पक्षी के बिकते ही पोल्ट्री फार्म में बचा हुआ फ़ीड , फीडरों से निकाल देना चाहिये और पोल्ट्री फार्म की बिछावन भी निकालनी शुरू कर देना चाहिये ! पोल्ट्री फार्म की सफाई शुरू कर देनी चाहिए !

जो सामान पानी से नहीं साफ़ किया जा सकता है उसे साफ़ कपडे से साफ़ करके किसी कपडे से ढक कर रख देना चाहिए !

अगर पोल्ट्री फार्म पक्के फर्श वाला है तो अच्छे निस्संक्रामक (डिसइंफेक्टेंट) से धो लेने चाहिये !

अगर पोल्ट्री फार्म कच्चे फर्श का है तो चूने में कोई निस्संक्रामक (डिसइंफेक्टेंट) मिला कर फर्श की पुताई कर देनी चाहिये !

ताकि पुराने वक़्त के जीवाणु या विषाणु  से नए पक्षी के संक्रमित होने की
संभावना कम हो जाये !

अच्छे निस्संक्रामक (डिसइंफेक्टेंट)को पानी की टंकी में डाल कर सभी टूंटियों को चला देना चाहिये ,ताकि  अच्छे निस्संक्रामक (डिसइंफेक्टेंट)का पानी हर पाइप में आ जाये और पाइपों में मौज़ूद जीवाणु ,विषाणु या इ- कोलाई ख़त्म हो जाए और उसका आने वाले नए पक्षियों पर कोई

दुष्प्रभाव ना पड़े ! परन्तु 4 -24 घंटे वही पानी पाइप लाइन की सप्लाई में रहे ताकि , सही परिणाम मिले | अच्छे निस्संक्रामक (डिसइंफेक्टेंट)कंपनी की बतायी डोज़ के हसाब से ही होना चाहिये !

परदे भी दोनों तरफ से अच्छे निस्संक्रामक (डिसइंफेक्टेंट)से धोने ज़रूरी है ! कोशिश करिये किसी बड़े पानी के टैंक को जमीन पर बना कर  अच्छे निस्संक्रामक (डिसइंफेक्टेंट)से भिगो कर जीवाणु और विषाणु मुक्त बना दें !

जब भी स्प्रे करें , हमेशा दोनों तरफ से करें और स्प्रे छत की तरफ से करना चाहिये ! ताकि स्प्रे की महीन बूंदें ऊपर से नीचें आयें तो हवा में मौजूद  विषाणु और जीवाणु ख़त्म हो जायें !

पानी की मुख्य टंकी में  डिसइंफेक्टेंट मिलाकर पूरी पाइपलाइन में उस पानी को जाने दें ! सभी नल या सप्लाई को कुछ देर चलने दें ! ताकि दवाई वाला पानी सभी पीपों और सप्लाई में आ जाये !

परन्तु 4 -24 घंटे वही पानी पाइप लाइन की सप्लाई में रहे ताकि , सही परिणाम मिले | अच्छे निस्संक्रामक (डिसइंफेक्टेंट)कंपनी की बतायी डोज़ के हसाब से ही होना चाहिये !

सभी पोल्ट्री से जुड़े सामान चाहे चिक्स गार्ड या पर्दे ही क्यों ना हों ,उन्हें अच्छी तरह से डिटर्जेंट फिर डिसइंफेक्टेंट से साफ़ करना चाहिये !

कुछ पोल्ट्री किसान  बॉक्स या डब्बे जिनमे चूज़े आते है उन्हें एक बार उपयोग में लाकर फिर संभाल कर रख लेते है ! उन डब्बों को एक बार उपयोग में लाकर दुबारा अगले बैच में उपयोग नहीं लाना चाहिये  ! उनके या तो बेच दें , या जला दें !

जो पोल्ट्री का सामान उपयोग में नहीं आ रहा हो , उसे अलग जगह पर ही रखना चाहिये ! और हर सामान जिसे धोया हो , उसे सूखा कर रखना बेहतर रहता है !

पोल्ट्री फार्म पर ऐसा डिसइनफेक्ट उपयोग में लाने चाहियें ,जो लगभग हर तरह की बीमारियों को फैलाते है ! और डिसइंफेक्टेंट हमेशा बदलते रहने चाहियें ,ताकि  विषाणु या जीवाणु की अगली जेनेरशन डिसइंफेक्टेंट की आदी ना हो जाए ! इस तरीके से डिसइंफेक्टेंट बेहतर काम करते है !

प्रेशर जेट से सफाई को प्राथमिकता देनी चाहिये ! इससे सफाई जल्दी और बेहतर होती है ! ब्रायलर पक्षी बिकने के बाद तुरंत शुरू कर देनी चाहिये ! इससे कुछ वक़्त पोल्ट्री फार्म को खाली रहने का अधिक वक़्त मिल जाता है ! और बेहतर परिणाम मिलते है !

हमेशा खुद से निरिक्षण जरुर करें !

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