ब्रायलर पोल्ट्री ट्रेनिंग हिंदी !

पोल्ट्री फार्म पर पर्दों का प्रबंधन !

सबसे पहले पर्दों के प्रबंधन के महत्व को समझाना जरूरी है !

अगर आप पक्षियों के वजन बढ़ाने के प्रदर्शन को बढ़ाना चाहते है तो जरूरत के अनुसार समान तापमान देना जरूरी है ! तापमान में गैर जरूरी तेजी से बदलाव पक्षियों के प्रदर्शन को ख़राब कर सकता है !  तापमान में गिरावट पक्षियो के लिए तापमान नियंत्रण करने के लिए ऊर्जा के जरूरत भी बड़ा देती है ! तापमान कम होने से पक्षी फ़ीड भी अधिक खाता है !और आपको तापमान नियंत्रण के लिए ज्यादा खर्च करना पड़ता है !

पर्दों के सही प्रबंधन से करने से चूजे का सही विकास होता है ! और अगर चूजे का शुरुवाती विकास सही हो गया तो ये तय हो जाता है कि आपका मुनाफा तुलनात्मक ज्यादा होगा ! सही पर्दों के प्रबंधन से  मृत्यु दर कम और पोल्ट्री फार्म पर बीमारियाँ भी कम होने से भी आप मुनाफा को बढ़ा सकते है !आपको  तापमान नियंत्रण के लिए खर्चे भी काफी कम करने पड़ते है

इसलिये नीचे बताई बातों को ध्यान दीजिये !

 

1 -पर्दे जालियों से कम से कम 6 इंच ऊपर से कम से कम 6 इंच नीचे की तरफ ज्यादा होना चाहिये !

पर्दे कम से कम 3 लेयर वाले जरूर हों ! ताकि तेज हवा में पर्दों को कोई नुक्सान न हो ! कुछ पोल्ट्री किसान घटिया पर्दे उपयोग में लाते है ! जिससे कई बार तेज हवा या अत्यधिक सर्दी में तापमान बन ही नहीं पाता ,जिससे बहुत ज्यादा मृत्यु दर हो सकती है ! और आप गंभीर परेशानी में आ सकते है !

पर्दों को नीचे और ऊपर से लगी  मोटी कीलों से

Curtain Management

मजबूती से मजबूत प्लास्टिक रस्सी से सील करना चाहिये ,

ताकि किसी भी तरह से हवा लीक न हो !अगर कोई पर्दा फट जाता है तो तुरंत उसे सही करवा दें !

सर्दियों में एक जूट का दूसरा पर्दा भी जरूर लगाना चाहिए !

Jute Curtains

इसका कारण ये है , कि अगर आपको पोल्ट्री फार्म के भीतर से गन्दी गैसें निकालनी हो तो आप प्लास्टिक का पर्दा ऊपर की तरफ से खोल कर निकाल सकते है ! और इस दौरान जूट का पर्दा पोल्ट्री फार्म पर हवा को तुरंत भीतर नहीं आने देता इससे पोल्ट्री फार्म का तापमान नियंत्रित रहता है !

गर्म स्थानों में या अत्यधिक गर्मियों में जब लू चलती है !उस वक़्त प्लास्टिक का पर्दा नहीं लगाया जाता तब जूट का बिल्कुल पतला पर्दा लगाया जाता है !जिसे पानी से भिगोते रहते है ! जिससे गर्म लू कुछ ठंडी होकर पोल्ट्री फार्म पर आती है !जिससे मृत्यु दर में काफी कमी हो जाती है !

जब भी पर्दों को किसी वजह से खोलना हो तो पर्दे हमेशा ऊपर से ही खोलें !

पर्दे कब उपयोग करना है और कब नहीं !-सब कुछ तापमान पर निर्भर करता है ! आपको सिर्फ अपने तापमान पर नज़र रखिये !

 

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