जंगली पक्षी -यह सुनिश्चित कर लें की कि पोल्ट्री फार्म पर पानी के टैंक से बाहरी पक्षी पानी ना पी सकें ! ऐसा देखा गया है , कि जंगली पक्षियों की बीमारियों से लड़ने क्षमता अधिक होती है ! परन्तु वो किसी दुसरे स्थान के संक्रमण को आपके पोल्ट्री फार्म पर पहुंचा सकते है ! इसलिए जहाँ तक संभव हो जंगली पक्षियों को पोल्ट्री फार्म से दूर रखें !
छोटे चूज़ों की देखभाल -जिन पोल्ट्री फार्म पर पहले सात दिनों में बिना किसी गलती किये सही वज़न प्राप्त कर लिया जाता है ! उन्हें बहुत अच्छे परिणाम मिलते है !
चूजे आने से पहले ही पोल्ट्री फार्म पर तापमान नियंत्रित कर लिया जाना चाहिए ! चूज़े जिस हैचरी से आते है वहाँ सी आर डी जैसी बीमारी हो तो वो चूजों में भी आ सकती है ! इसलिये शुरुवाती 3 -4 दिनों में डॉक्टर से परामर्श करके एंटीबायोटिक भी दे सकते है !
पोल्ट्री फार्म के बर्तन या सामान – पोल्ट्री फार्म के बर्तन या सामान किसी भी बड़ी मजबूरी को छोड़कर किसी अन्य फार्म से लेने या देने नहीं चाहियें ! ये अन्य पोल्ट्री फार्म की बीमारियाँ आपके फार्म पर ला सकते है !
कीड़े मकोड़े पोल्ट्री फार्म पर मच्छर और मक्खियां भी अनेकों तरह की बीमारियाँ फैला सकते है ! इसलिये मक्खियों और मच्छरों को पोल्ट्री फार्म पर जितना संभव हो उतना दूर रखना चाहिये !
सभी चूजों का सही वक्सीनशन होना जरूरी है और प्रत्येक दवाई सही मात्रा में देनी और सही तरीके से देनी चाहिये !
एक पोल्ट्री फार्म पर एक बार में ही चूज़े आयें उनमे दिनों का अंतर नहीं होना चाहिये !
एक बार ब्रायलर बिक जाये तो नये चूज़े कम से कम 15 दिनों के अंतर पर आने चाहियें ! वो भी अगर आपने ब्रायलर पक्षी के बिकने के तुरंत बाद सफाई शुरू कर दी हो !
मरे हुए पक्षियों को जला देना चाहिये या उन्हें गहराई में दबा देना चाहिये !
पोल्ट्री फार्म पर रात को पूरा अँधेरा करके उसमें हफ्ते में 2 बार अलग अलग जगह शांति से बैठ कर पक्षियों की आवाज़ को सुनना चाहिये ! अगर कोई छींकने या खर खर की आवाज़ आती है तो तुरंत
डॉक्टर से संपर्क करें इससे फायदा ये होता है ,कि कोई बीमारी शुरुवाती समय में ही पकड़ सकते है और कम से कम नुक्सान ब्रायलर पक्षी को बचा सकें !
पोल्ट्री फ़ीड को रखने के लिये बाज़ार से पुरानी बोरियाँ मत खरीदें ! वो किसी पोल्ट्री फार्म की पुरानी बोरियाँ हों सकती है और किसी बीमारी को जन्म दे सकती है !
पोल्ट्री फार्म पर देसी मुर्गियां या अन्य पक्षी नहीं पालनी चाहियें ! इससे अनेक तरह की अनचाही बीमारियाँ पोल्ट्री फार्म पर नुक्सान कर सकती है ये बात सुनिश्चित कर लें की आपके पोल्ट्री फार्म का स्टाफ या कर्मचारी अन्य पोल्ट्री फार्म पर ना जायें !
कुछ पोल्ट्री किसान बिना किसी मजबूरी के अन्य पोल्ट्री किसानों को बुला लेते है , इससे भी अन्य पोल्ट्री फार्म के वायरस और बैक्टीरिया आपके फार्म पर आ सकते है ! अपने पोल्ट्री फार्म के लिये अलग से जूतों का सेट खरीद कर रख लें ! अगर मजबूरी में कोई आता है तो हाथ धुलवा कर और खुद के पोल्ट्री फार्म अलग से खरीदे हुए जूते बदलवा लें !
पोल्ट्री फार्म में चूजों या ब्रायलर पक्षी की रोगों से लड़ने की क्षमता अच्छी हो तो बीमारियाँ कम आती है !
इसके लिये आप कुछ आसानी से उपलब्ध आयुर्वेदिक चीज़ें उपयोग कर सकते है !
पक्षी के पोल्ट्री 1000 Kg फ़ीड में 1 किलग्राम आंवला पॉवडर और 500 ग्राम के करीब शुद्ध हल्दी मिला सकते है ! इससे भी अच्छे परिणाम देखें गये है !