पोल्ट्री फार्म बनाते वक़्त एक छोटी सी गलती भी बहुत बड़ा नुक्सान कर सकती है ! ! इसलिये सबसे पहले आपको ये समझना होगा ,कि पोल्ट्री फार्म के डिज़ाइन का क्या महत्व है ! अनेकों बहुत छोटी छोटी बातें ब्रायलर पक्षी के विकास को बेहतर कर सकती है ! और आपके पोल्ट्री फार्म के मुनाफे को बड़ा सकती है ! अच्छे पोल्ट्री फार्म का डिज़ाइन तापमान,नमी को नियंत्रित करने और अनेकों गन्दी गैंसों को बाहर करने में मदद करता है ! जिससे पक्षी को आरामदायक माहौल मिलने से तनाव कम होता है और और पक्षी को बैक्टीरियल और वायरल बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है ! ऐसा भी देखा गया है,जिन पोल्ट्री फार्म पर तापमान को लेकर समस्या रहती है,वहाँ सांस सम्बन्धी समस्याएं पक्षी को ज्यादा होती है ! निम्नलिखित सभी बातें पोल्ट्री फार्म बनाते हुए आपको किसी बड़ी गलती से बचा सकती है !
सलाह 1-पोल्ट्री फार्म पूर्व से पश्चिम तक की लम्बाई में होना चाहिए ! (उष्ण कटिबंधीय देशो में उत्तर से दक्षिण ) !
सलाह 2 –पोल्ट्री फार्म की नीवें मजबूत होनी चाहियें ! जो जमीन से कम से कम 1.5 – 2 फ़ीट गहरी जरूर हों ! इसका कारण ये है , कुछ लोग पोल्ट्री फार्म को डबल स्टोरी करना चाहते है ! इसलिए अगर कभी डबल स्टोरी बनाने का मन बने तो नीवों को लेकर आपके मन में कोई संशय ना रहे !
सलाह 3 –कंक्रीट के पक्के फर्श हमेशा ज्यादा बेहतर माने जाते है ! इसके अनेकों कारण है ! एक तो सफाई करना बहुत आसान होता है ! जिससे बीमारियां और कीड़े मकोड़ों से भी कच्चे फर्श की तुलना में काफी कमी होती है ! दूसरा कारण है ,कि कच्चे फर्श पर जो बिछावन होती है ! वो जमीन से नमी सोखती रहती है ! जिससे पोल्ट्री फार्म पर ज्यादा गन्दी गैसें ज्यादा बनती है ! जो पोल्ट्री फार्म पर अनेकों सांस सम्बन्धी समस्याओं को बुलावा दे सकती है ! आप शुरुआत में कच्चा फर्श बना सकते है ! परन्तु पोल्ट्री फार्म पर पक्का फर्श ही बेहतर साबित होता है !
सलाह 4 – पोल्ट्री फार्म की चौड़ाई 30 फुट से ज्यादा नहीं होनी चाहिये ! अगर पोल्ट्री फार्म की चौड़ाई 30 फुट से ज्यादा हो तो पोल्ट्री फार्म से गन्दी गैसों की निकासी में परेशानी हो सकती है ! अगर आप E.C. ( Environmental Control ) पोल्ट्री फार्म बनाना चाहते है तो आप चौड़ाई 40 फुट तक हो सकती है !पर इस बात की सावधानी बरतें कि बिजली अगर चली जाये तो जेनेरेटर बिजली जाने पर तुरंत काम कर सके ! अगर किसी वजह से बिजली का या सिस्टम में कोई दिक्कत आती है तो नुक्सान हो सकता है !
सलाह 5 –पोल्ट्री फार्म की ऊँचाई नींव से लेकर दोनों ओर से छत की लाइन 9-10 फीट होनी चाहिए और केंद्र में 12 फीट की दूरी पर केंद्रों से दूसरी तरफ ढलान में होनी चाहिए।
डबल स्टोरी शेड के मामले में यह नियम लागू नहीं होता ! है। पिंजरे वाले ब्रायलर पोल्ट्री फार्म के मामले में, पिंजरे निर्माताओं के अनुसार ही व्यवस्था होती है !
सलाह 6- पिंजरे वाले पोल्ट्री फार्म में , साइड की दीवार या नीचे एक से दो दीवारें नहीं होती या निर्माता कंपनी के साथ चर्चा करें, जो इसे स्थापित कर रहा है !
सलाह 7– सिंगल डोर को आसानी से संचालित करने के लिए अच्छा माना जाता है। लेकिन या तो सिंगल या डबल डोर दोनों तरह से आप केवल लागत पर निर्भर करते हैं।पर पोल्ट्री फार्म में 2 दरवाजे की जगह एक दरवाजा बेहतर होता है !
सलाह 8- छज्जा कम से कम 3 से 4 फीट (1 से 1.25 मीटर) तक बाहर की तरफ फैला होना !चाहिए। यह बिंदु बहुत महत्वपूर्ण है,
क्योंकि यह बारिश के पानी को तेज हवा के झोंकों में पोल्ट्री फार्म पर प्रवेश नहीं करने देता
सलाह 9- पोल्ट्री फार्म की जालियों के ऊपर और नीचे पोल्ट्री फार्म बनाते वक़्त मोटी कीलें लगानी चाहियें ! ये पर्दों को सपोर्ट के लिए लगाने वाली मजबूत प्लास्टिक धागे को सपोर्ट देने में मदद करता है ! और पर्दे के लिए अच्छी पकड़ देता है।
सलाह 10-छत की सुरक्षा -आप किसी भी प्रकार की रूफ, कंक्रीट या किसी भी प्रकार की मजबूत शीट्स, टाइल वाले, एस्बेस्टस या कंक्रीट को चुन सकते हैं, जो लागत के आधार पर या उपलब्धता के आधार पर चुन सकते है !
विभिन्न प्रकार की छतें शेड, गेबल, हाफ-मॉनीटर, फुल-फ्लैट कंक्रीट और कई प्रकार हैं
सलाह-11 यदि भूमि महंगी है और आप डबल स्टोरी शेड की योजना बनाना चाहते हैं तो फ्लैट कंक्रीट शेड भी पसंद किए जाते हैं। एक अच्छी तरह से इंसुलेटेड या तापरोधी छत गर्मी के दिनों में छत को ज्यादा गरम होने से बचाती है ! अच्छा तापरोधी छत पर पड़ने वाले वाले सौर ताप को कम करेगा, जिससे पक्षियों पर गर्मी का भार कम होगा।और मुर्गी पालन के दौरान चूजे के लिए सही वातावरण बनाए रखने के लिए मदद करता है !इसके लिए उपयोग की जाने वाली छत सामग्री पोल्ट्री किसान की जरूरतों, उपलब्धता और बजट के आधार पर भिन्न हो सकती है।
विभिन्न छत सामग्री पुआल, नारियल का पत्ता, , टाइलें,, प्लास्टिक, एस्बेस्टस,
एल्यूमीनियम, फाइबर ग्लास, आदि हैं। उस सामग्री को लें जिससे छतें ठंडी होती हैं।
क्योंकि पक्षी गर्मी के दिनों में अधिक बाद तापमान से परेशान होते हैं।
ऐसा तापरोधी छत पर उपयोग ना करें जो पोल्ट्री फार्म की छत के तापमान को और बड़ा ना दे !
सलाह 12 –पोल्ट्री फार्म की बाहरी दिवार सिर्फ 1 .5 फ़ीट तक ऊँची काफी हो जाती है ! बाकी की बाहरी दीवार सिर्फ मजबूत जालियों से ही ढकी होती है !
जालियों इतनी खुली ना हो कि उसमे से कोई सांप , छिपकली या अन्य कीड़े मकोड़े पोल्ट्री फार्म में ना घुस सकें ! दीवारों के ऊपरी भाग और नीचे के भाग में नट या कीलें जरूर लगायें इससे पर्दों को टाइट बांधने में मदद मिलती है !
सलाह 13- दरवाजों का खुलना – पोल्ट्री फार्म का दरवाज़ा हमेशा बाहर की तरफ ही खुलना चाहिए !
दरवाजे का आकार 6 x 2.5-3 फ़ीट तक जरूर होना चाहिये !
सलाह 14- पोल्ट्री फार्म के दरवाजे से अंदर जाने से पहले कुछ किसान छोटा गहरा स्थान बनाते है ! जिसमे बीमारी फैलाने वाले हानिकारक जीवाणु या विषाणु मारने के लिए उसमे पानी डाल देते है और कुछ केमिकल मिला देते है ! यह लगता तो ठीक है ! परन्तु इससे भीगे हुए जूते पोल्ट्री फार्म के अंदर जाते है ,जो बिछावन को गीला करके नुकसान कर सकते है !इसलिए ये व्यवस्था पोल्ट्री फार्म के मुख्य गेट पर ही करना सही है ,बजाय पोल्ट्री फार्म के अंदर जाते वक़्त के दरवाज़े पर ! !
सलाह 15- पोल्ट्री फार्म का फर्श कंक्रीट का होने की साथ साथ ! ढलान का भी एक दिशा में होना जरूरी है ! चाहे वो लम्बाई की तरफ से हो या चौड़ाई की तरफ से !ये भी ध्यान रखें की ढलान ऐसी जगह हो जहाँ पानी की निकासी उपयुक्त हो ! पानी के निकासी गलत जगह हो जाए तो वो भी परेशानियों का कारण बन सकती है !
सलाह 15 –पोल्ट्री फार्म का फीड रखने का गोदाम भी पक्के फर्श का और बड़ा होना चाहिए !
सलाह 16- वातानुकूलित पोल्ट्री फार्म Environmental control ( E. C .) सामान्य पोल्ट्री फार्म की तुलना में बेहतर होते है !
शुरुवात में आप सामान्य पोल्ट्री फार्म बना सकते है ! लेकिन ऐसा प्रावधान जरूर रखें कि , कभी आप वातानुकूलित फार्म बनाना चाहें तो ज्यादा तोड़ फोड़ ना करनी पड़े !
सलाह 17- अगर आप पोल्ट्री फार्म पर पानी सप्लाई के लिये प्लास्टिक के पाइप उपयोग में लाते है ! तो सप्लाई हमेशा अंडरग्राउंड ही हो ! किसी वजह से बहार रहने पर ,प्लास्टिक का पाइप टूट गया तो पूरे पोल्ट्री शेड में पानी बह कर नुक्सान कर सकता है ! और पोल्ट्री के पक्षियों पर अनावश्यक तनाव हो सकता है !
सलाह 18- बिजली की सप्लाई – बिजली की सप्लाई के मुख्य काम पोल्ट्री फार्म के बाहर से होने चाहियें ! ताकि बिजली से संबंधित काम करने पर पोल्ट्री के पक्षी बिना वजह परेशान ना हों !
सलाह 19 – पोल्ट्री फार्म एक जेनेरेटर का कमरा भी अलग ही होना चाहिए ! अगर शांत जेनेरेटर नहीं है तो ! शोर को कम करने वाला शोर अवरोध कमरा बना लें !कमरा इतना छोटा भी ना हो की ! ठीक करते या अन्य कामों के लिए परेशानी है !
सलाह 20 –पोल्ट्री फार्म के लिए आपके ऑफिस या आपके स्टाफ और गोदाम की स्थिति ऐसी ना हो की किसी वहां को पूरे पोल्ट्री फार्म तक जाना पड़े ! और ऑफिस सामने का दरवाजा इस तरीके से कांच से ढका होना चाहिये ! ताकि हर गतिविधि पर पूरी नज़र रखी जा सके !इससे संक्रमण का ख़तरा भी काफी कम हो जाता है !
सलाह 21- अगर आप पोल्ट्री फार्म की क्षमता को बढ़ाने के लिए दूसरा शेड बनाना चाहते है तो !
एक शेड की दूरी से दुसरे पोल्ट्री शेड की चौड़ाई 40 -50 फुट जरूर होनी चाहिए !
सलाह 22 –अगर आपके साथ लगती जमीन पर किसी ने अपना कोई और काम करने के लिए कुछ निर्माण करना हो तो आपके पोल्ट्री फार्म की जरूरी व्यवस्था बिगड़ जायेगी !इसलिए अपने पडोसी की जमीन के साथ 30 -40 फुट जगह छोड़ दीजिये ! ताकि अगर आपका पडोसी कोई निर्माण करे तो आपके पोल्ट्री फार्म पर इसका कोई दुष्प्रभाव ना पड़े !
सलाह 23 –पोल्ट्री फार्म के अंत में एक छोटी सी पोस्टमॉर्टम करने वाली मेज भी जरूर लगायें ! इसका फायदा ये है ,की जब भी डॉक्टर पक्षी का पोस्ट मॉर्टम करेगा तो आप भी नज़दीक से बहुत सारी बातें समझने लगेंगें !
सलाह 24- अगर आप पोल्ट्री का बड़ा प्रोजेक्ट लगाना चाहते है ! तो आपको मजदूरों के लिए हवादार और अलग से टॉयलेट ,या स्नानघर जरूर बनाने चाहिए ! पर हमेशा ध्यान रखिये पोल्ट्री फार्म के ऑफिस पर या अन्य विलासिता पर अनावश्यक खर्च नहीं करना चाहिए !क्योंकि इससे बेवजह खर्च बढ़ जाते है !
फिर भी अपने बजट के हिसाब से आप कुछ भी करने को आप स्वतंत्र है !
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