फॉगर आपके पोल्ट्री फार्म को ठंडा रखने में मदद करते है! ताकि अति गर्मी के प्रभाव से ब्रायलर पक्षी की मृत्यु ना हो !
एक स्वचालित पानी की निकासी का वाल्व प्रत्येक लाइन पर होना चाहिये ताकि पंप बंद होने पर फालतू पानी बाहर की तरफ निकासी की जा सके ! इससे फालतू पानी का टपकना बंद हो जाता है और शेड बेहद गीला नहीं होता !
पम्प सिर्फ तापमान से ही नहीं आद्रता से भी नियंत्रित होने चाहियें !
फॉगर 28 °C (82 °F) पर चलने शुरू हो जाने चाहियें !
कम प्रेशर वाले फॉगर 7-14 bar (100-200 psi) , 30 माइक्रोन से बड़ी महीन बूंदें बनाते है | और ज्यादा प्रेशर वाले फॉगर 28-41 bar (400-600 psi , 10 -15 माइक्रोन के लगभग महीन बूंदें बनाते है |
जितनी महीन बूंदें बनेंगी उतना ज्यादा बेहतर माना जाता है !
नोज़ल इस तरीके से लगानी चाहिये हवा की रफ़्तार 600 ft./min से कम हो या अंदाज़े से देखना चाहते है तो ये सुनिश्चित कर लें बिछावन या फर्श गीला ना हो !
अगर 1 नोज़ल की महीन पानी की धुंध अन्य नोज़ल की महीन पानी की धुंध से मिलती है तो भी ये ठीक नहीं है ! इससे आद्रता बढ़ जायेगी ! और ये मृत्यु दर भी बड़ा सकती है ! इसलिये 1 नोज़ल की दुसरे नोज़ल से दूरी होना जरूरी है! ताकि 1 नोज़ल की महीन पानी की धुंध अन्य दुसरे नोज़ल के पानी की धुंध से ना टकराये !
क्योंकि पक्षी आराम दायक माहौल का आदि हो जाता है और बहुत अधिक गर्मी में फॉगर ना चलने से पक्षी तनाव में आ जाता है!जेनेरेटर का बैकअप आपके पोल्ट्री फार्म पर जरूर हो नहीं तो पोल्ट्री फार्म पर मृत्यु दर बढ़ सकती है !