बिछावन का मुख्य उद्देश्य पक्षी के मल मूत्र को सोखना होता है ! साथ ही अन्य मकसद पक्षी को आरामदायक सुविधा देना भी होता है !
बिछावन पक्षी को जमीन की ठंडक से भी बचाती है ! इसलिये बिछावन कम से कम 2 इंच जरूर होनी चाहिये और सर्दियों में इसे 3 इंच तक ले जाना बेहतर होता है !
बिछावन का सही प्रबंधन पक्षी की सेहत के लिए बहुत अच्छी भूमिका अदा करता है ! और आपके पोल्ट्री फार्म के मुनाफे को बढ़ाने में मदद करता है !
इसलिये कभी बिछावन गीली हो तो उसे तुरंत निकालकर नयी बिछावन से बदल देना चाहिए !
और कभी भी पुरानी बिछावन उपयोग में नहीं लानी चाहिये !
बिछावन के प्रकार – बिछावन अनेको तरह की उपयोग की जा सकती है ! परन्तु बिछावन हमेशा सूखी और फंगस से मुक्त होनी चाहिए ! और मुख्यतः सोखने की क्षमता अच्छी होनी चाहिये !
चावलों का छिलका – चावलों का छिलका सस्ता और आसानी से उपलब्ध हो जाता है और ये बेहतर सोखता है ! और चूज़ों के लिये आरामदायक होता है ! !
लकड़ी का बुरादा – लकड़ी के बुरादे को भी बिछावन में उपयोग में लाया जा सकता है ! परन्तु सूखा बुरादा ही उपयोग में लाना चाहिये ! और उसमें फंगस या लकड़ी के मोटे टुकड़े नहीं होने चाहिये !
गेहूं या धान की सूखी बारीक घास !– अगर मजबूरी है तो आप गेहूं या धान की सूखी बारीक घास भी उपयोग कर सकते है !
लेकिन चावलों का सूखा छिलका सबसे बेहतर माना जाता है !
कुछ पोल्ट्री फार्म में बिछावन के तौर पर रेत का उपयोग करते है , ये तरीका गलत माना जाता है ! कभी भी रेत का उपयोग बिछावन के तौर पर नहीं करना चाहिये !
सर्दियों में पोल्ट्री फार्म पर अमोनिया गैस बनने की समस्या होती है ! इसलिये सर्दियों में बिछावन 3 इंच तक देने से अमोनिया कम बनती है ! अमोनिया के स्तर को कम करने के लिये बिछावन में
वज़न के हिसाब से 5 % फिटकरी मिलाने से अमोनिया कम बनती है ! और ऐसा देखा गया है ,कि फिटकरी वज़न के हिसाब से मिलाने पर अमोनिआ 70 प्रतिशत तक कम हो जाती है ! और बिछावन में बैक्टीरिया का प्रभाव भी काफी कम हो जाता है !
नीचे बताये फॉर्मूले से भी आप बहुत फायदा ले सकते है !
92 Kg Very Dry Wood Powder/Rice Cover.
Bentonite 2 kg
Zeolite.1 Kg
Alum 5 kg
Copper Sulphate- 100 Gram
अब यहां सवाल उठता है कि फिटकरी का खर्च बहुत ज्यादा आएगा ! सर्दियों में जब आपको ज्यादा दिक्कत महसूस हो तो आप फिटकरी बिछावन में मिलायें और ट्रायल ये बताते है ! खर्च के मुकाबले जो फायदे मिलते है वो खर्च की तुलना में काफ़ी ज्यादा होते है ! ये वैज्ञानिक तरीके से आजमाया हुआ नुस्खा है !