सर्दियों में मृत्यु दर कम करने और ज्यादा वज़न प्राप्त करने के उपाय !
सबसे पहले यह बात ध्यान रखें चूज़े आने से पहले ही पोल्ट्री फार्म पहले ही गर्म कर लिया जाना चाहिये ! शुरुवात के पहले हफ्ते तापमान 95 डिग्री फेरेनहाइट होना चाहिये ! जो हर हफ्ते पाँच डिग्री फेरेनहाइट कम करते रहना चाहिये ! और तापमान को जमीन के साथ से ही लेना चाहिये !
शुरुवात में ब्रायलर चूजों को बाहरी ठंडी ताज़ी हवा के बजाय शेड के भीतर की बची जगह से देनी चाहिये ताकि पोल्ट्री फार्म का तापमान नीचे ना आ जाये !
हमेशा सूखी बिछावन जैसे चावलों का छिलका या लकड़ी का बुरादा बेहद सूखा चाहिये और
सर्दियों में इसकी मात्रा अधिक होनी चाहिये जो 2 से 3 इंच तक होनी चाहिये !
पोल्ट्री फार्म पर जगह। . 25 स्क्वायर फ़ीट जगह शुरुवात में प्रति चूजा देना चाहिये और धीरे धीरे बढ़ानी चाहिये !
पोल्ट्री फार्म में ब्रूडिंग चौकोर नहीं करनी चाहिये ब्रूडिंग गोल करनी चाहिये इससे किसी वजह से
चूजों के इकट्ठे होने पर बच्चों के एक दूसरों के नीचे दबने की संभावना कम हो जाती है !
चूजों के ब्रूडिंग के सभी सामान भी अच्छे डिसइंफेक्टेंट्स से साफ़ होने जरूरी है ! यहां तक कि पानी की सभी पाइप लाइन और टंकी पूरी तरह से साफ़ हो जानी चाहिये !
पोल्ट्री फार्म में अगर गर्मी का स्रोत बिजली से है तो जेनेरेटर जरूर होना चाहिये क्योंकि अगर बिजली चली जाये पोल्ट्री फार्म में किसी तरह से ठंडक ना हो जाये ! इससे भयंकर परिणाम हो सकते है !
पोल्ट्री फार्म में चूजों को प्रकाश की व्यवस्था सब जगह एक समान होनी चाहिये कहीं कम प्रकाश या कहीं ज्यादा प्रकाश नहीं होना चाहिये !
सर्दियों में 2 तरह के पर्दे होने चाहिये एक प्लास्टिक और बाहर की तरफ जूट वाला पर्दा होना
चाहिये ताकि अगर मजबूरी में ताज़ी हवा देनी पड़ी तो प्लास्टिक वाले परदे को हल्का हटाकर जूट वाले पर्दे को बिना हटाये बाहर की हवा दी जा सके !
जूट वाला पर्दा बंद रहने से हवा का तेज झोंका पोल्ट्री फार्म पर नहीं जा सकता !
अगर किसी वजह से बिछावन गीली हो जाती है तो उसे तुरंत बाहर निकालकर सूखी बिछावन से बदल देना चाहिये !
हमेशा पोल्ट्री फार्म पर थर्मामीटर जरूर होना चाहिये और हमेशा बार बार तापमान पर पर पैनी नज़र रखनी चाहिये !खासतौर पर पहले सात दिन किसी ना किसी का पोल्ट्री फार्म पर होना हर समय जरूरी है !
पोल्ट्री फार्म में अमोनिया या अन्य गैंसों को बाहर निकालने के लिये एक्सहॉस्ट पंखो का उपयोग भी अच्छा रहता है ! इससे असाइटिस की समस्या भी कम हो जाती है !
पोल्ट्री फार्म पर ह्युमीडिटी को चेक करने वाला मीटर भी जरूर लगाना चाहिये !
ह्युमीडिटीको सही ना रखने से पक्षी की ग्रोथ प्रभावित होती है !